Class 5 Hindi Chapter 2 Nyay Ki Kursi न्याय की कुर्सी NCERT Solutions
बातचीत के लिए (Page 14)
1. आपका प्रिय खेल कौन-सा है? आप उसे कैसे खेलते हैं?
उत्तर:
मेरा प्रिय खेल क्रिकेट है। इसमें दो टीमें होती हैं और प्रत्येक टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। एक टीम बल्लेबाजी करती है और दूसरी टीम गेंदबाजी व क्षेत्ररक्षण करती है। बल्लेबाज रन बनाने की कोशिश करता है और गेंदबाज उसे आउट करने का प्रयास करता है। निर्धारित ओवरों के अंत में जो टीम अधिक रन बनाती है वही विजेता होती है।
2. क्या आपने कभी किसी समस्या का समाधान किया है? अपना अनुभव साक्षा कीजिए।
उत्तर:
हाँ, मैंने एक बार समस्या का समाधान किया था। हमारे घर का बल्ब अचानक फ्यूज़ हो गया और अंधेरा हो गया। मैंने हिम्मत करके पुराना बल्ब उतारा और नया बल्ब लगा दिया। बिजली आते ही सब खुश हो गए। मुझे भी बहुत अच्छा लगा कि मैंने एक समस्या का हल निकाला।
3. यदि आप राजा के स्थान पर होते और आपको लड़के के बारे में पता चलता तो आप क्या करते?
उत्तर:
यदि मैं राजा के स्थान पर होता तो मैं लड़के को दरबार में बुलाकर पूछता की उसकी बुद्धिमत्ता और न्याय-बुद्धि के बारे में पूछता। फिर मैं उससे कहता कि वह दरबार में रहकर न्याय करने में मदद करे।
4. लड़के के अंदर ऐसे कौन-कौन से गुण होंगे, जिनके कारण वह सिंहासन पर बैठ पा रहा था ?
उत्तर:
लड़के के अंदर सरलता, भोलापन और साफ़ दिल जैसे गुण थे। यही कारण था कि वह सिंहासन पर बैठ पा रहा था।
पाठ से (Page 14 – 15)
नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर के आगे तारे का चिह्न (✸) बनाइए । एक से अधिक विकल्प भी सही हो सकते हैं-
1. राजा को लड़के द्वारा न्याय करने के विषय में कैसे पता चला?
(क) लड़के द्वारा की गई शरारतों को सुनकर
(ख) लोगों द्वारा लड़के के न्याय की प्रशंसा सुनकर
(ग) लड़के द्वारा अपने न्याय की बुराई सुनकर
(घ) मंत्रियों द्वारा लड़के की बुद्धि की प्रशंसा सुनकर
उत्तर:
(ख) लोगों द्वारा लड़के के न्याय की प्रशंसा सुनकर
2. राजा को सबसे अधिक आश्चर्य किस बात से हुआ ?
(क) बच्चे खेल-खेल में न्याय कर रहे थे।
(ख) लोग राजा के दरबार में नहीं आ रहे थे।
(ग) सिंहासन पर बैठने वाला लड़का सही न्याय करता।
(घ) स्वयं सिंहासन में ही कोई चमत्कारी शक्ति विद्यमान थी।
उत्तर:
(ग) सिंहासन पर बैठने वाला लड़का सही न्याय करता था ।
3. लड़कों को यह खेल इतना अच्छा क्यों लगा कि वे प्रतिदिन इसे खेलने लगे?
(क) क्योंकि वे राजा जैसा बनने का आनंद ले रहे थे।
(ख) क्योंकि यह अन्य खेलों से अधिक मनोरंजक था।
(ग) क्योंकि उन्हें न्याय करने का अनुभव अच्छा लगा।
(घ) क्योंकि इस खेल से वे नगर भर में प्रसिद्ध हो गए थे।
उत्तर:
(ख) क्योंकि यह अन्य खेलों से अधिक मनोरंजक था।
4. राजा ने उपवास और प्रायश्चित क्यों किया?
(क) ताकि वह सिंहासन पर बैठने के योग्य सके।
(ख) क्योंकि उसे अपने कर्मों पर पछतावा था।
(ग) क्योंकि मूर्तियों ने उसे ऐसा करने के लिए कहा था।
(घ) क्योंकि जनता ने उसे ऐसा करने को कहा था।
उत्तर:
(क) ताकि वह सिंहासन पर बैठने के योग्य बन सके।
(ख) क्योंकि उसे अपने कर्मों पर पछतावा था।
सोचिए और लिखिए (Page 15)
नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपनी लेखन – पुस्तिका में लिखिए।
(क) सभी लड़के सिंहासन पर बैठ पा रहे थे लेकिन राजा नहीं बैठ पाया। ऐसा क्यों?
उत्तर:
सभी लड़के सिंहासन पर बैठ पा रहे थे क्योंकि वे भोले-भाले और निष्कपट थे। उनका मन साफ़ था। लेकिन राजा का मन ऐसा नहीं था, इसलिए वह सिंहासन पर नहीं बैठ पाया।
(ख) क्या राजा को प्रायश्चित करने के बाद सिंहासन पर बैठने का अधिकार मिलना चाहिए था ? अपने उत्तर का कारण भी बताइए ।
उत्तर:
नहीं, राजा को प्रायश्चित करने के बाद भी सिंहासन पर बैठने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए था, क्योंकि तीन बार प्रायश्चित करने के बाद भी वह अपने आप को सबसे अधिक धनवान, बलवान और बुद्धिमान मानता रहा।
(ग) दोनों किसानों ने अपने झगड़े के निपटारे के लिए राजा के दरबार में जाने के बजाय लड़के के पास जाने का फ़ैसला क्यों किया?
उत्तर:
नगर में लड़के की न्याय-बुद्धि की बहुत चर्चा थी। लोग कहने लगे थे कि उस लड़के में कोई दैवी शक्ति है। इन्हीं बातों से प्रभावित होकर दोनों किसानों ने राजा के दरबार में जाने के बजाय लड़के के पास जाने का फ़ैसला किया।
(घ) चौथी मूर्ति सिंहासन के साथ आकाश में क्यों उड़ गई ?
उत्तर:
प्रायश्चित करने के बाद भी राजा का अपने धन, बल और बुद्धि के प्रति अभिमान देख कर चौथी मूर्ति सिंहासन के साथ आकाश में उड़ गई।
(ङ) इस कहानी को एक नया शीर्षक दीजिए और बताइए कि आपने यह शीर्षक क्यों चुना?
उत्तर:
मैं इस कहानी का शीर्षक “न्यायी बालक” रखूँगा। मैंने यह शीर्षक इसलिए चुना क्योंकि इस कहानी में एक छोटे लड़के ने अपनी बुद्धिमत्ता और निष्पक्षता से सबको न्याय दिया। कहानी का मुख्य केंद्र वही लड़का है, इसलिए यह शीर्षक सबसे उचित है।
अनुमान और कल्पना (Page 16)
1. कहानी में सिंहासन की मूर्तियाँ उड़कर किसी और जगह चली जाती हैं। वे कहाँ जाती होंगी और वहाँ क्या करती होंगी?
उत्तर:
सिंहासन की मूर्तियाँ उड़कर स्वर्ग लोक में चली जाती होंगी। वहाँ वे देवताओं और लोगों को यह बताती होंगी कि केवल सच्चा, मन से साफ़ और निष्कपट व्यक्ति ही सच्चे अर्थों में न्याय कर सकता है।
2. यदि इस कहानी के अंत में राजा सिंहासन पर बैठने में सफल हो जाता तो क्या होता?
उत्तर:
यदि राजा सिंहासन पर बैठने में सफल हो जाता तो वह और भी घमंडी बन जाता। वह स्वयं को सबसे बड़ा और न्यायप्रिय मानता, जबकि सच यह था कि उसके मन में लालच और अहंकार था। तब लोगों का विश्वास न्याय से उठ जाता और अन्याय फैल जाता।
भाषा की बात (Page 16)
नीचे दी गई पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए —

अब नीचे दिए गए वाक्यों में उचित स्थानों पर विराम चिह्न लगाइए-
(क) चौथी मूर्ति ने कहा ठहरो जो लड़के इस सिंहासन पर बैठते थे वे भोले भाले थे उनके मन में कलुष नहीं था अगर तुमको विश्वास है कि तुम इस योग्य हो तो इस सिंहासन पर बैठ सकते हो
उत्तर:
चौथी मूर्ति ने कहा, “ ठहरो! जो लड़के इस सिंहासन पर बैठते थे, वे भोले-भाले थे। उनके मन में कलुष नहीं था। अगर तुमको विश्वास है कि तुम इस योग्य हो तो इस सिंहासन पर बैठ सकते हो ।
(ख) राजा बड़ी देर तक सोचता रहा फिर उसने मन ही मन कहा अगर एक लड़का इस पर बैठ सकता है तो भला मैं क्यों नहीं बैठ सकता हूँ मैं राजा हूँ मुझसे ज्यादा धनवान बलवान और बुद्धभा और कौन होगा मैं अवश्य इस सिंहासन पर बैठने योग्य हूँ
उत्तर:
राजा बड़ी देर तक सोचता रहा। फिर उसने मन ही मन कहा, “अगर एक लड़का इस पर बैठ सकता है तो भला मैं क्यों नहीं बैठ सकता हूँ। मैं राजा हूँ । मुझसे ज्यादा धनवान, बलवान और बुद्धिमान भला और कौन होगा? मैं अवश्य इस सिंहासन पर बैठने योग्य हूँ।”
2. “तीसरी मूर्ति भी उड़ गई।” इस वाक्य के आधार पर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) इस वाक्य में संज्ञा शब्द कौन-सा है?
उत्तर:
मूर्ति
(ख) कौन – सा शब्द इस संज्ञा शब्द के गुण या विशेषता को बता रहा है?
उत्तर:
तीसरी
3. कहानी में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। इनमें विशेषण शब्द पहचानकर उनके नीचे रेखा खींचिए ।
(क) एक दिन लड़कों का एक झुंड वहाँ खेल रहा था।
(ख) उज्जैन की प्राचीन और ऐतिहासिक नगरी के बाहर एक लंबा-चौड़ा मैदान था ।
(ग) इतनी छोटी उम्र में इतनी बुद्धि का होना आश्चर्य की बात है।
(घ) राजा ने देखा कि वह पत्थर नहीं, बहुत ही सुंदर सिंहासन था ।
(ङ) बात ही बात में वहाँ अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई।
उत्तर:
(क) एक दिन लड़कों का एक झुंड वहाँ खेल रहा था।
(ख) उज्जैन की प्राचीन और ऐतिहासिक नगरी के बाहर एक लंबा-चौड़ा मैदान था ।
(ग) इतनी छोटी उम्र में इतनी बुद्धि का होना आश्चर्य की बात है।
(घ) राजा ने देखा कि वह पत्थर नहीं, बहुत ही सुंदर सिंहासन था ।
(ङ) बात ही बात में वहाँ अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई।
4. आपमें कौन-कौन सी विशेषताएँ होनी चाहिए जिससे आप कहानी के सिंहासन पर बैठ सकें? लिखिए।

उत्तर:
सिंहासन पर बैठने के लिए मेरे अंदर ये विशेषताएँ होनी चाहिए –
1. दयालु होना
2. सत्यवादी होना
3. निष्पक्ष होना
4. ईमानदार होना
5. न्यायप्रिय होना
6. बुद्धिमान होना
7. निष्कपट हृदय होना
पाठ से आगे (Page 18)
1. कहानी में गाँव वाले न्याय करवाने या झगड़े सुलझाने बच्चों के पास जाया करते थे। आप अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए किन-किनके पास जाते हैं? आप उन्हीं के पास क्यों जाते हैं?
उत्तर:
मैं अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए अपने शिक्षकों, माता-पिता और परिवार के अन्य बड़े सदस्यों के पास जाता हूँ। मैं इन्हीं के पास इसलिए जाता हूँ क्योंकि वे मुझसे बहुत प्यार करते हैं और मेरी हर समस्या का हल जल्दी निकाल देते हैं।
2. क्या कभी ऐसा हुआ है कि किसी ने आपके साथ अन्याय किया हो? आपने उस स्थिति का सामना कैसे किया ?
उत्तर:
हाँ, एक बार मेरे साथ अन्याय हुआ था। स्कूल में शिक्षक ने बिना कारण मुझे डाँट दिया था। उस समय मुझे बुरा लगा, लेकिन मैंने चुपचाप सहन किया और बाद में शांति से अपनी बात समझाई। तब शिक्षक को सच्चाई पता चली और उन्होंने मुझसे माफ़ी माँगी।
पता लगाकर कीजिए (Page 18 – 19)
” राजा ने आज्ञा दी कि सिंहासन को ले जाकर राजदरबार में रख दिया जाए ।”
सिंहासन एक विशेष प्रकार की भव्य कुर्सी हुआ करती थी जिस पर राजा-महाराजा बैठा करते थे। आज भी हम बैठने के लिए अनेक प्रकार की वस्तुओं का उपयोग करते हैं। इनमें से कुछ वस्तुओं के चित्र दिए गए हैं। इनका वर्णन कीजिए और यह भी लिखिए कि आपकी भाषा में इन्हें क्या कहते है।

उत्तर:
