Class 4 Hindi Chapter 2 Bageeche Ka Ghongha बगीचे का घोंघा NCERT Solutions
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Class 4 Hindi Chapter 2 Bageeche Ka Ghongha बगीचे का घोंघा Questions Answers – PDF Download
Page 17

ऊपर दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
- यह कौन-सा जीव है?
- आपने इसे कहाँ देखा है?
- आपने इसे किस मौसम में अधिक देखा है?
- आपको अपने घर और विद्यालय में कौन-कौन से जीव दिखाई देते हैं?
- घोंघा उन जीवों से किस बात में भिन्न है?
उत्तर:
1. यह घोंघा है।
2. मैंने इसे बगीचे में और गीली ज़मीन पर देखा है।
3. मैंने इसे वर्षा बारिश के मौसम में अधिक देखा है।
4. मुझे घर और विद्यालय में चींटी, मक्खी, मच्छर, तितली, छिपकली, चिड़िया, कबूतर, बिल्ली और मेंढक दिखाई देते हैं।
5. घोंघा बहुत धीरे-धीरे चलता है और उसके शरीर पर एक कठोर खोल होता है।
बातचीत के लिए (Page 21)
1. घोंघे को बगीचे (उद्यान) के एक किनारे से दूसरे किनारे तक पहुँचने में दो दिन क्यों लगते थे?
उत्तर:
घोंघे को बगीचे के एक किनारे से दूसरे किनारे तक पहुँचने में दो दिन इसलिए लगते थे क्यूंकि वह बहुत धीरे धीरे चलता था।
2. आप अपने विद्यालय कैसे जाते हैं और आपको कितनी समय लगता है?
उत्तर:
मैं स्कूल बस से विद्यालय जाता हूँ और स्कूल पहुंचने में मुझे 20 मिनट लगते है।
3. घोंघा उद्यान से बाहर क्यों जाना चाहता था?
उत्तर:
घोंघा उद्यान से बाहर इसलिए जाना चाहता था क्योंकि वह देखना चाहता था कि बगीचे के बाहर की दुनिया कैसी है।
4. आपका कहाँ-कहाँ जाने का मन करता है?
उत्तर:
मेरा मन खूबसूरत और दिलचस्प जगहों पर जाने का करता है जैसे की कश्मीर, राजस्थान, केरल आदि।
5. आप घूमने के लिए कहाँ-कहाँ जाते हैं और किसके साथ जाते हैं?
उत्तर:
मैं घूमने के लिए बाजार, दोस्तों व रिश्तेदारों के घर जाता हूँ। मैं अक्सर अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ ही बाहर जाता हूँ।
पाठ के भीतर (Page 21)
नीचे दिए गए प्रश्नों के सटीक उत्तर के सामने सूरज का चित्र (☀︎) बनाइए —
1. घोंघा उद्यान से बाहर क्यों जाना चाहता था?
- (क) उसे उद्यान में अच्छा नहीं लगता था।
- (ख) वह बाहर का जीवन देखना चाहता था।
- (ग) उसे उद्यान सुंदर नहीं लगता था।
- (घ) उसे उद्यान बहुत छोटा लगता था।
2. घोंघा को बड़ा सा पत्थर पहाड़ जैसा क्यों लगा होगा?
- (क) पत्थर पहाड़ की तरह बहुत ही बड़ा था।
- (ख) घोंघे ने उद्यान में पत्थर जैसी बड़ी वस्तु पहले कभी नहीं देखी थी।
- (ग) घोंघा को पत्थर पर चढ़कर दूर-दूर तक दिखाई दे रहा था।
- (घ) पत्थर की आकृति पहाड़ जैसी थी।
3. घोंघे ने अपने जीवन में पहली बार क्या देखा?
- (क) अपने अपने लंबे पतले पाँवों से आ जा रहे लाल चींटे
- (ख) अपना शंख
- (ग) पीपल का पेड़
- (घ) हरी-हरी घास
4. घोंघे की आँखें आश्चर्य से क्यों खुली रह गईं?
- (क) उसके ऊपर एक बड़ा पत्ता गिरा।
- (ख) वह उद्यान में एक नए कीट से मिला।
- (ग) उसने पहली बार एक तालाब देखा।
- (घ) उसने बड़ का एक पेड़ देखा।
उत्तर:
1. (ख) वह बाहर का जीवन देखना चाहता था।
2. (ख) घोंघे ने उद्यान में पत्थर जैसी बड़ी वस्तु पहले कभी नहीं देखी थी।
3. (क) अपने अपने लंबे पतले पाँवों से आ जा रहे लाल चींटे
4. (घ) उसने बड़ का एक पेड़ देखा।
5. छेद से बाहर निकलते ही घोंघे का सामना कई चीज़ों से हुआ, लेकिन उनमें से कुछ वस्तुएँ छूट गई हैं। उन्हें पूरा कीजिए।

उत्तर:

सोचिए और लिखिए (Page 22)
1. उद्यान की दीवार में छेद देखकर घोंघे को कौन-सी बात याद आती थी?
उत्तर:
उद्यान की दीवार में छेद देखकर घोंघे को याद आता था कि उसकी माँ उससे कहा करती थीं, ‘वहाँ कभी मत जाना। वह दुनिया हमारी दुनिया से बहुत अलग है’।
2. छेद के दूसरी ओर जाते ही घोंघा चकित क्यों रह गया?
उत्तर:
छेद के दूसरी ओर जाते ही घोंघा चकित इसलिए रह गया क्यूँकि उसके सामने एक बहुत बड़ा, लंबा और चौड़ा-सा मैदान था।
3. घोंघे ने ऐसा क्यों कहा होगा कि उद्यान में सब कुछ धीरे-धीरे चलता है?
उत्तर:
घोंघे ने ऐसा इसलिए कहा होगा क्योंकि उद्यान से बाहर आकर उसने पहली बार गिलहरी को फुदकते और कुत्ते को दौड़ते हुए देखा था, जबकि उद्यान में सब कुछ शांत और धीमी गति से चलता था।
4. घोंघे की तरह आपको अपने घर, विद्यालय तथा आस-पास क्या-क्या अद्भुत लगता है और क्यों?
उत्तर:
(i) घर का हर कोना मेरे लिए खास है क्योंकि उससे मेरे बचपन की यादें जुड़ी हुई हैं।
(ii) विद्यालय में मुझे पुस्तकालय बहुत अद्भुत लगता है, क्योंकि वहाँ ज्ञान की दुनिया बसी है।
(iii) आस-पास मुझे पेड़ों पर बैठी चिड़ियाँ, रंग-बिरंगे फूल, और बारिश के बाद की मिट्टी की खुशबू बहुत अद्भुत लगती है।
5. घोंघे ने उद्यान के भीतर और बाहर क्या-क्या देखा? नीचे लिखिए

उत्तर:

भाषा की बात (Page 23)
1. कहानी में आए निम्न शब्दों के आधार पर वाक्य बनाकर लिखिए—
आश्चर्य, अद्भुत, अचानक, छोर
उत्तर:
1. आश्चर्य – बाहर की दुनिया देखकर घोंघा को बहुत आश्चर्य हुआ।
2. अद्भुत – घोंघा को बाहर की दुनिया विशाल और अद्भुत लगी।
3. अचानक – अचानक एक सूखा पता आकर घोंघे पर गिर गया।
4. छोर – घोंघे को बगीचे के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँचने में पूरे दो दिन लगते थे।
2. जब घोंघे के ऊपर सूखा पत्ता गिरा, तब उसने ‘वाह!’ न कहकर ‘उई!’ कहा। आपके मुँह से ‘वाह!’ और ‘उई!’ जैसे शब्द कब निकलते हैं?
उत्तर:
जब हमें कोई चीज़ अच्छी या सुन्दर लगती है तब हमारे मुँह से वाह निकलता है, जैसे:
वाह! आसमान में कितना सुंदर इंद्रधनुष है।
वाह! कितना स्वादिष्ट भोजन है।
उई शब्द गिरने, चोट लगने या डर लगने पर ही मुँह से निकलता है, जैसे:
उई! मैंने कपड़े गंदे कर दिए।
उई! मुझे सूई चुभ गई।
3. घोंघे ने अपनी शंख में कौन-कौन सा सामान बांधा होगा?
उत्तर:
फल, पत्ता, पुस्तक, पानी की बोतल, खाना।
मिलान कीजिए (Page 24)
नीचे लिखी बातें घोंघे ने कब-कब कही? लिखिए —

उत्तर:

विभिन्न ध्वनियाँ (Page 24)
“उसी समय खड़-खड़ की ध्वनि आई।” यहाँ सूखे पत्तों के गिरने की ध्वनि ‘खड़-खड़’ जैसी है। इनकी ध्वनियाँ कैसी होंगी –
उत्तर:
बादलों का गरजना → गड-गड
पानी का बरसना → टिप-टिप
नल से बूंदों का घिरना → टप-टप
मेंढक का बोलना → टर-टर
घंटी का बजना → टन-टन
हवा का बहना → सर-सर
अपनी अपनी विशेषताएँ (Page 25)
घोंघे ने उद्यान से बाहर आकर जो भी देखे, वह किसी न किसी रूप में विशेष था। पाठ के आधार पर उनकी विशेषताएँ लिखिए –

उत्तर:

अनुमान और कल्पना (Page 26)
इतने समय तक वहाँ रहने के कारण घोंघा उद्यान का कोना कोना पहचान गया था।
- अनुमान लगाकर बताइए कि घोंघा उद्यान में कब से रह रहा होगा।
- घोंघे को उद्यान के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में दो दिन लगते थे और उसे वापस लौटने में 48 घंटे लगते थे। ऐसा क्यों?
- आप अपने विद्यालय में कितने वर्षों से पढ़ रहे हैं? आपने वहाँ अब तक क्या-क्या देखा है?
- आपको अपनी कक्षा से पेयजल के स्थान और विद्यालय के मुख्य द्वार तक जाने में कितना समय लगता है?
उत्तर:
1. घोंघा उद्यान में बचपन से रह रहा था।
2. क्योंकि घोंघा बहुत धीरे चलता था।
3. मैं अपने विद्यालय में पाँच वर्षों से पढ़ रहा हूँ। मैंने वहाँ बगीचा, पेड़-पौधे, खेल का मैदान, पुस्तकालय, ऑफिस और परीक्षा भवन देखा है।
4. मुझे अपनी कक्षा से पेयजल के स्थान तक जाने में दो मिनट और मुख्य द्वार तक जाने में पाँच मिनट लगते हैं।
घोंघे से आपकी भेंट (Page 26)
घोंघे को सबसे पहले बच्चों के खेलने का स्थान दिखाई दिया। कल्पना कीजिए कि बच्चों ने घोंघे को देखा और उससे बातें कीं।
बच्चे – अरे! आप कौन ?
घोंघा – मुझे नहीं पहचानते? मैं घोंघा, नहीं तो और कौन?…………………………….
उत्तर:
बच्चे – अरे! आप कौन ?
घोंघा – मुझे नहीं पहचानते? मैं घोंघा, नहीं तो और कौन?
बच्चे – पहचान गए, पर आप यहाँ पर कैसे आये?
घोंघा – में अपने बगीचे को छोड़ बाहर की दुनिया देखने आया हूँ।
बच्चे – ठीक है। क्या आप हमारे साथ खेलना चाहोगे?
घोंघा – हाँ पर, मैं बहुत धीरे-धीरे चलता हूँ।
बच्चे – कोई बात नहीं, हम आपको ज्यादा तेज नहीं दौड़ाएंगे।